Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the luckywp-table-of-contents domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ndfrxzuk/public_html/bytizenotes/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ndfrxzuk/public_html/bytizenotes/wp-includes/functions.php on line 6114
What is Switch In Networking Hindi me (Switch Kya Hota Hai..?)

What is Switch In Networking Hindi me (Switch Kya Hota Hai..?)


Switch एक Network Device है, Switch को इंटेलिजेंट डिवाइस भी कहा जा सकता है| स्विच को छोटे एवं बड़े सभी तरह के नेटवर्क मे use किया जा सकता है। स्विच मे जब किसी डिवाइस से कोई इनफार्मेशन आती है तो switch उस इनफार्मेशन को ब्रॉडकास्ट नहीं करता

switch in hindi networking

Switch के पास अपना data स्टोर करने का स्पेस होता है जहाँ पर वो चेक करता है की आने वाला पैकेट किसी डिवाइस के लिए है।

स्विच के पास सभी नेटवर्क devices के फिजिकल एड्रेस सेव होते है, उनको चेक करने के बाद स्विच इनफार्मेशन को सीधे उस डिवाइस पर भेज देता है एवं information को broadcast किये बिना।

इससे नेटवर्क मे पैकेट ट्रांसफर की स्पीड भी फ़ास्ट होती है एवं network मे unnecessary ट्रैफिक भी नहीं बढ़ता। इसमे half /Full duplex transmission mode होती है।

हाफ डुप्लेक्स से मतलब  है कि एक समय में उपकरण डाटा रिसीव कर सकता है या भेज सकता है। जबकि फूल डूप्लेक्स में उपकरण एक ही समय में डाटा भेज भी सकता है और रिसीव भी कर सकता है। स्विच को  हब के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है।


जब किसी नए यूजर को जोड़ने  के लिए अथवा और जटिल एप्लीकैशन के लिए किसी नैटवर्क को बनाया जाना है तो हो  सकता है कि नेटवर्क जितनी सूचनाओ को ट्रासफर करने की क्षमता रखता हो उससे ज्यादा सूचनाएं उसमें ट्रासफर होने के लिए तैयार हों।


ऐसै में स्वाभाविक है कि नेटवर्क या तो धीमे काम करेगा या उसमें कोई अन्य दिक्कत पैदा हो जाएगी। इससे बचने के लिए और नेटवर्क की क्षमता को बढाने के लिए ओवरलोड नैटवर्क में हब को  स्विच से रिप्लेस कर देते हैँ। आमतौर पर  इस रिप्लेसमेप्टे के दोरान नेटवर्क के अन्य घटकों जैसे कि केवल सिस्टम को रिप्लेस करने की जरूरत नही होती।

जब भी कोई host किसी दूसरे host को कोई frame send करता है तो source host का MAC address स्विच की address table में port के साथ store हो जाता है।

एक switch हमेशा source का address ही table में store करता है। मेरा मतलब जब तक की कोई host कुछ data send नहीं करेगा तब तक उसका MAC address और port number स्विच की table में store नहीं होगा।

जब आप शुरू में switch को setup करते है तो switch को किसी भी host और उसके address की कोई जानकारी नहीं होती है।


ऐसी situation में जब कोई host frame send करता है तो उसका MAC address तो table में store हो जाता है, लेकिन destination की कोई भी जानकारी नहीं होने के वजह से switch उस frame को सभी hosts को send कर देता है।

ऐसे ही जब दूसरा host कुछ data send करता है, तो उसका address भी table में store हो जाता है। ऐसे जब भी कोई host frames सेंड करता है तो यदि उसका address पहले से table में मौजूद नहीं है, तो switch उसे store कर लेता है। इस प्रकार एक switch अपनी table build करता है।

जब सभी hosts के addresses और port numbers स्विच में आ जाते है तो switch बिना सभी hosts को frame send किये हुए only जिस host के लिए data भेजा गया है, उसी host को deliver करता है।


अगर आपको ये Post अच्छा लगा तो दोस्तों के साथ जरूर Share करें। अपने सुझाव निचे Comment मे जरूर लिखें।

Leave a Comment

error: